Valsad Online
Join Telegram Valsad ValsadOnline
News

सोलर प्रोजेक्ट्स:5 हजार से अधिक को मिल रहा है रोजगार

these-villages-more-than-5-thousand-are-getting-employment-Valsad-ValsadOnline
  • बीकानेर के 18 गांवों में सोलर एनर्जी से अभी हो रहा 1050 मेगावाट उत्पादन; अगले साल इसको कर देंगे तीन गुना
  • सभी जानते हैं सोलर एजर्जी से सस्ती बिजली मिलती है। इसलिए सरकार भी इसे बढ़ावा दे रही है। इसका दूसरा बड़ा सच यह है कि गांव में बैठे उस किसान को भी दो वक्त की रोटी मिल रही है, जिसकी बंजर जमीन पर अन्न का एक दाना नहीं होता था। जी हां, बीकानेर के 18 गांव ऐसे हैं, जहां के किसानों ने 24 हजार बीघा से अधिक जमीन सोलर कंपनियों को या तो बेच दी या लीज पर दे दी है। अच्छी कीमत और किराया मिलने से किसान के घर भी खुशहाली आई है।

    ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर से जुड़ने के बाद बीकानेर सोलर एनर्जी उदत्पादन का हब बनता जा रहा है। बीकानेर के कोलायत, गजनेर, जामसर और लूणकरणसर क्षेत्र के गांवों में बड़े पैमाने पर सोलर प्लांट्स का काम चल रहा है। प्राइवेट सेक्टर की 40 में से अजूरा, आबाढ़ा, रीनू पावर और समेजा- धमेजा सोलर पावर कंपनी ने बिजली उत्पाद शुरू कर दिया है।

    इन चारों कंपनियां से जलालसर स्थित पावर ग्रीड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को 800 मेगावाट बिजली मिल रही है। बाकी 36 यूनिट शुरू होने के बाद हजारों मेगावाट बिजली मिलने लगेगी। इसके अलावा 50 अन्य कंपनियां राजस्थान अक्षय उर्जा निगम में रजिस्टर्ड हैं, जो राज्य सरकार को प्रतिदिन 250 मेगावाट बिजली दे रही हैं। सोलर कंपनियों की दस्तक जारी है। जमीनों की खरीद-फरोख्त भी तेजी से हो रही है।

    एक्सपर्ट गोपेश शर्मा बता रहे हैं ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के बारे में वो सब कुछ जो जानना जरूरी

    बीकानेर में अक्षय उर्जा के तहत 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। करीब 50 यूनिट्स हमारे यहां रजिस्टर्ड हैं। इनमें बड़ी इंडस्ट्रीज भी शामिल हैं। इसके अलावा भारत सरकार के उपक्रम पावर ग्रीड कॉर्पोरेशन को भी प्राइवेट सेक्टर से बड़ी मात्रा में बिजली मिल रही है। बीकानेर में सोलर प्लांट लगाने का क्रेज बढ़ रहा है। लोग अपने घर की छतों पर सोलर प्लेट लगाकर बिजली की बचत करने लगे हैं। दस किलोवाट पर सरकार सब्सिडी भी दे रही है। (गोपेश शर्मा अक्षय उर्जा निगम में परियोजना अधिकारी हैं)

      ये है ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर सर्किट
    1. बीकानेर, जोधपुर, अजमेर, हनुमानगढ़ से होकर गुजरने वाले बनासकाठा (गुजरात)-मोगा पंजाब ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर।
    2. बनासकांठा से जलालसर(बीकानेर) वाया चित्तोड़गढ़, अजमेर डबल सर्किट विद्युत लाइन
    3. जोधपुर की बाप तहसील के भढ़ला एनर्जी पार्क से जलालसर तक डबल सर्किल लाइन
    4. जलालसर में 760/400/220 मेगावाट का पावर ग्रीड स्टेशन
    5. कोडमदेसर के पास 400/220 मेगावाट की पावर ग्रीड स्टेशन प्रस्तावित
    6. इन गांवों पर ज्यादा फोकस, बंजर जमीन की भी मिल रही अच्छी कीमत
    7. कोलायत, गजनेर, जामसर और लूणकरणसर क्षेत्र के किसान अपनी जमीन सोलर कंपनियों को बेच रहे हैं।
    8. ज्यादातर वही जमीन बिक रही है जो बंजर है। उस पर खेती नहीं हो सकती और किसान को मुंह मांगी कीमत मिल रही है।
    इसके अलावा काफी जमीन ऐसी भी हैं, जिनके मालिक दूसरे राज्यों में रहते हैं। यह खरीद-फरोख्त दलालों के माध्यम से ही हो रही है। किसान प्रताप सिंह ने बताया कि उसने 80 बीघा जमीन बेची है अाैर 100 बीघा लीज पर दी है। इस क्षेत्र के करीब 600 किसानों ने अपनी छह हजार बीघा जमीन बेच दी अाैर चार हजार लीज पर दी है। किसी किसान ने पूरी जमीन नहीं बेची। लीज पर प्रति बीघा 10625 रुपए के भाव किसानाें काे मिल रहे हैं।

    तथ्य यह भी
    देश में सोलर एनर्जी उत्पादन में राजस्थान सबसे आगे है। जेएमके रिसर्च एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट में देश के सोलर प्लांट्स में राजस्थान में सबसे ज्यादा 1745 मेगावॉट केपिसिटी जुड़ी है। कर्नाटक में 1443 मेगावॉट और तमिलनाडु में 1342 मेगावाट के सोलर प्लांट्स जुड़े हैं।

    स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

    सोलर पार्क में कई कंपनियों के निवेश ने रोजगार के अवसर बढ़ा दिए हैं। यहां टेक्नीशियन्स की बड़ी संख्या में जरूरत रहती है। बीकानेर में करीब पांच हजार लोगों को इससे रोजगार मिल रहा है। एक मेगावाट की यूनिट लगाने में 30 लोगों को रोजगार मिलता है। यहां 200 मेगावाट तक के प्लांट हैं। बाद में पांच-सात लोग उसकी मेंटीनेंस और ऑपरेटिंग से जुड़े रहते हैं। इसके अलावा 540 ऐसी यूनिट्स हैं, जो शहर में सोलर के व्यवसाय से जुड़ी हुई हैं।

    बीकानेर के कोलायत, गजनेर, लूणकरणसर क्षेत्र में काफी संख्या में सोलर कंपनियां आ रही हैं। इसका फायदा किसानों को भी मिल रहा है। बंजर जमीन बेचकर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। किराया भी 10 से 12 हजार रुपए प्रति बीघा मिल जाता है।

    Source

    Related posts

    છેલ્લાં 50 વર્ષમાં આવું પહેલી વખત બન્યું,ઝડપથી ફરવા લાગી છે પૃથ્વી

    ValsadOnline

    પૌરાણિક :દાંતાના દીવડીમાં 822 વર્ષ જૂની સાડાચાર ફૂટની 2 જૈન મૂર્તિ સહિતના અવશેષો પણ મળ્યા

    ValsadOnline

    વલસાડના જંગલમાં 4 વર્ષમાં દીપડાની વસ્તી 87 થઈ

    ValsadOnline