गूगल पर हम जब भी कुछ सर्च करते हैं, तो हमारे सामने सबसे पहले अक्सर विकिपीडिया का पेज खुलता ही है। आज इसी विकिपीडिया का जन्मदिन है। आज ही के दिन 2001 में जिमी वेल्स और लैरी सैंगर ने विकिपीडिया को शुरू किया था। इसे शुरू करने के पीछे की सोच यही थी कि इसमें कोई भी व्यक्ति एडिट कर सकता है। टेक्नोलॉजी की दुनिया में ऐसे तरीके से इकट्ठा की गई जानकारी को क्राउड सोर्सिंग कहा जाता है।
विकिपीडिया शुरू करने से पहले जिमी वेल्स और लैरी सैंगर ने न्यूपीडिया नाम से ऐनसाइक्लोपीडिया लॉन्च किया था। इसमें एक्सपर्ट आर्टिकल लिखा करते थे और रिव्यू होने के बाद ही उसे पब्लिश किया जाता था। बाद में जब विकिपीडिया लॉन्च किया गया, तब उसमें हर यूजर को एडिटिंग की इजाजत नहीं थी, लेकिन कुछ महीनों बाद इसमें सभी यूजर को एडिटिंग की इजाजत मिल गई।
शुरुआत में विकिपीडिया को सिर्फ अंग्रेजी भाषा में ही लॉन्च किया गया था, लेकिन आज ये 300 से ज्यादा भाषाओं में है। 2003 में इसे हिंदी में लॉन्च किया गया था। विकिपीडिया के ऊपर करीब 5.5 करोड़ से ज्यादा आर्टिकल मौजूद हैं। हर महीने 1.7 अरब से ज्यादा यूजर्स इस पर आते हैं।
विवादों में भी रही है विकिपीडिया
विकिपीडिया को कुछ ऐसे बनाया गया है कि जो भी चाहे इसमें एडिट कर सकता है। यानी अगर किसी व्यक्ति को किसी जानकारी में बदलाव करना है, तो वो कर सकता है। यही इसके विवाद की वजह भी बनता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जब 2015 में डिजिटल इंडिया कैंपेन शुरू किया था, तभी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके पिता मोतीलाल नेहरू के विकिपीडिया पेज पर बदलाव किए गए थे। इसमें नेहरू के दादा का नाम बदल दिया गया था और उन्हें मुसलमान बताया गया था।
बाद में इंडिया टुडे की रिपोर्ट में दावा किया गया कि ये बदलाव केंद्र सरकार के एक आईपी एड्रेस से किए गए थे। इसके बाद कांग्रेस ने सरकार पर हल्ला बोल दिया था। ये मामला बड़ा था इसलिए पता चल गया कि ये गलत है। लेकिन, विकिपीडिया पर बहुत सी ऐसी जानकारियां भी हो सकती हैं, जो सही नहीं हों।
भूकंप से भारत-नेपाल में 11 हजार जानें गईं
आज ही के दिन 1934 में भारत और नेपाल में खतरनाक भूकंप आया था। इस भूकंप में 11 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 8.3 मापी गई थी। बताया जाता है कि भूकंप के झटके इतने जोरदार थे कि इन्हें मुंबई तक महसूस किया गया था।
इस भूकंप से बिहार के मुंगेर और मुजफ्फरपुर शहर पूरी तरह बर्बाद हो गए थे। इसके साथ ही मोतिहारी और दरभंगा शहर में भी भारी नुकसान हुआ था। वहीं नेपाल के काठमांडू, भटगांव और पाटन में भी कई इमारतें ढह गई थीं और सड़कों में दरारें पड़ गई थीं।
भारत और दुनिया में 15 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएं :