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आज का इतिहास :आज ही के दिन रिहा हुए-444 दिन ईरान में बंधक थे अमेरिका के 52 नागरिक.

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ईरान और अमेरिका के संबंध कभी सही नहीं रहे। 41 साल पहले की एक घटना को आज भी ईरान बंधक संकट (Iran Hostage Crisis) के नाम से जाना जाता है। बात 1953 की है। ईरान में तख्तापलट हो गया था। अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने ब्रिटेन के साथ मिलकर, उस समय के ईरान के प्रधानमंत्री मोहम्मद मोसद्दिक को सत्ता से उखाड़ फेंका था। इसके बाद उनकी जगह रजा पहलवी के हाथ में ईरान के सत्ता सौंप दी थी। जिस तरह से अमेरिका ने ब्रिटेन के साथ मिलकर ईरान की सरकार का तख्तापलट कराया था, उसी संघर्ष का नतीजा ईरानी क्रांति के रुप में सामने आया। इस क्रांति ने शाह मोहम्मद रजा को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। यहीं से ईरान में गणतंत्र की स्थापना हुई।

एक घटना और हुई थी। उस समय ईरान ने अमेरिकी ऐंबैसी के 66 कर्मचारियों को बंधक बना लिया था। ईरान बंधक संकट की शुरुआत 4 नवंबर 1979 को हुई थी। अमेरिका ने ईरान के शाह को अमेरिका में इलाज कराने की की अनुमति दी। इसके विरोध में तेहरान में स्थित अमेरिकी ऐंबैसी को ईरानी छात्रों ने घेर लिया और अपने कब्जे में ले लिया। इसका नेतृत्व वहां के नेता आयतुल्लाह खुमैनी ने संभाला और 66 अमेरिकी नागरिकों को छोड़ने से इंकार कर दिया। दो हफ्ते बाद कुछ लोगों को छोड़ दिया गया, लेकिन 52 लोगों को छोड़ने से इंकार कर दिया। उस समय अमेरिका में जिम्मी कार्टर राष्ट्रपति थे। सारी कूटनीतिक कोशिशों के बाद भी वे अपने नागरिकों को छुड़वाने में असफल रहे। इसके बाद ईगल क्लॉ मिशन की शुरुआत की गई। ये मिशन भी असफल रहा और इसमें 8 अमेरिकी सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस बीच रजा पहलवी की कैंसर से मौत हो गई थी, लेकिन ईरान में ये संकट जारी रहा।

1980 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हुए। जिम्मी कार्टर हार गए और नए राष्ट्रपति के तौर पर रोनाल्ड रीगन ने अमेरिका की कमान संभाली। उन्होंने आते ही इस मुद्दे पर ईरान से वार्ता शुरु की। मांग थी कि अमेरिका में जब्त 8 बिलियन डॉलर की ईरानी संपत्ति को लौटाया जाए। अमेरिका ने ये शर्त मान ली। 20 जनवरी 1981 को यानी 444 दिन बाद सभी बंधकों को छोड़ा गया। ये सभी बंधक 5 दिन बाद 25 जनवरी को अमेरिका पहुंचे थे।

25 जनवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएं

2015: मिस कोलम्बिया पोलिना वेगा वर्ष 2014 की मिस यूनिवर्स बनीं।

2005:‌‌‌ महाराष्ट्र के सतारा स्थित एक देवी के मंदिर में भगदड़‌ मचने से 300 से अधिक मरे।

2002: अर्जुन सिंह भारतीय वायु सेना के पहले ‘मार्शल ऑफ द एयरफोर्स’ बने।

2001: भारतीय जनता पार्टी की नेता विजयाराजे सिंधिया का निधन।

1983: आचार्य विनोबा भावे को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा।

1980: मदर टेरेसा को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

1975: शेख मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश के राष्ट्रपति बने।

1971: हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य घोषित किया गया। देश का 18वां राज्य बना।

1958: भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध पार्श्व गायिकाओं में से एक कविता कृष्णमूर्ति का जन्म।

1839: चिली में भूकम्प से 10,000 लोगों की मौत हुई।

1755: मॉस्को विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।

1627: वैज्ञानिक रॉबर्ट बॉयल का जन्म हुआ। बॉयल का सिद्धांत दिया था।

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