हर रोज 2.5 करोड़ से भी ज्यादा यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाली भारतीय ट्रेनों के लिए आज का दिन बेहद अहम है। आज ही के दिन देश में पहली बार ट्रेन चलाई गई थी। 16 अप्रैल 1853 के दिन इस ट्रेन को बंबई (मुंबई) के बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के बीच चलाया गया था। ट्रेन ने 35 किलोमीटर का सफर बिना किसी परेशानी के पूरा कर लिया था। इसे एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर माना जाता है।
ट्रेन में 20 डिब्बे थे जिनमें करीब 400 यात्री सवार थे। ट्रेन दिन के 3 बजकर 35 मिनट पर बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से रवाना हुई और 4 बजकर 45 मिनट पर ठाणे पहुंची। ट्रेन को चलाने के लिए ब्रिटेन से 3 इंजन मंगवाए गए थे।
पहले सफर से अब तक का सफर
भारत में पहली ट्रेन की पहली यात्रा को आज 168 साल हो गए है। इतने सालों में भारतीय रेल के विकास ने कई उपलब्धियों को छुआ है। पूरे देश में पटरियों का 68 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा का लंबा ट्रैक फैला हुआ है। भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। 1 मार्च 1969 को देश की पहली सुपरफास्ट ट्रेन ब्रॉडगेज लाइन पर दिल्ली से हावड़ा के बीच चलाई गई। इस समय दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल का काम चिनाब नदी पर पूरा होने को है। पूरी तरह बनने के बाद इसकी ऊंचाई पेरिस के एफिल टॉवर से भी ज्यादा होगी।
16 अप्रैल को इतिहास में इन वजहों से भी याद किया जाता है-
2013: ईरान में आए भूकंप में 37 लोगों की मौत हो गई।
2002: दक्षिण कोरिया में विमान दुर्घटना में 120 लोगों की मौत हो गई।
1992: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति नजीबुल्लाह ने इस्तीफा दिया।
1990: बिहार के राजधानी पटना के पास एक ट्रेन के दो डिब्बों में विस्फोट हो गया। करीब 80 लोगों की जान गई और 65 अन्य घायल हुए।
1988: उत्तरी इराक के कुर्द आबादी वाले शहर हलबजा पर हुए गैस हमले में हजारों लोगों की मौत हो गई।
1988: फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन के शक्तिशाली नेता खलील अल वजीर की उनके घर में हत्या कर दी गई।
1976: आठ साल तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और 13 साल तक लेबर पार्टी के नेता रहे हैरल्ड विल्सन ने इस्तीफा दे दिया।
1945: एक सोवियत पनडुब्बी के कारण जर्मन शरणार्थी पोत डूब गया, जिससे 7000 लोग मारे गए।