History

इतिहास में आज:जब पहली बार चांद की कक्षा में पहुंचा था इंसान, वहां से चांद और धरती की फोटो साथ में आई थी

By ValsadOnline

December 24, 2020

1968 में आज ही के दिन अपोलो-8 चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा। ये चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने वाला पहला मैन्ड मिशन था। ऐस्ट्रोनॉट फ्रैंक बोरमैन, जिम लॉवेल और विलियम एंडर्स ने चांद की कक्षा से लाइव ब्रॉडकास्ट किया। जिसमें उन्होंने अपने स्पेसक्राफ्ट के अंदर से चांद और पृथ्वी की तस्वीरें भेजीं। एस्ट्रोनॉट विलियम एंडर्स की खींची ‘अर्थराइज’ फोटो के कारण ये मिशन दुनियाभर में फेमस हुआ। 27 दिसंबर 1968 को ये मिशन पूरा हुआ। इसके बाद अपोलो सीरीज के ही मिशन में से एक अपोलो-11 में मनुष्य पहली बार चांद पर उतरा। जब 20 जुलाई 1969 को नील आर्मस्ट्रॉन्ग, बज एड्रियन ने चांद पर कदम रखे। इस मिशन में उनके साथ माइकल कोलिंस भी शामिल थे।

दिल्ली मेट्रो की शुरुआत हुई

ठीक 18 साल पहले यानी 2002 में आज ही के दिन दिल्ली में पहली बार मेट्रो ट्रेन चली थी। शाहदरा से तीसहजारी कॉरीडोर के बीच चली इस ट्रेन के रूट की लंबाई 8.4 किलोमीटर थी। इस रूट पर 6 स्टेशन थे। तब प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी ने इसका उद्घाटन किया था। 8.4 किलोमीटर लंबे रूट और 6 स्टेशनों से शुरू हुई दिल्ली मेट्रो 389 किलोमीटर लंबे रूट पर पड़ने वाले 285 स्टेशनों तक पहुंच चुकी है। दिल्ली मेट्रो अब दिल्ली ही नहीं गुड़गांव, नोएडा, ग्रेटर नोएडा के लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है।

3 मई 1995 को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के रजिस्ट्रेशन के महज पांच साल बाद ही मेट्रो सर्विस शुरू करने का श्रेय ई. श्रीधरन को जाता है। जिन्होंने उस काम को पूरा करके दिखाया, जिसे कई लोग असंभव सा बता रहे थे। श्रीधरन ने दिल्ली मेट्रो कई परियोजनाओं को सफल बनाया। 1995 में दिल्ली मेट्रो से जुड़ने के बाद 2005 आते-आते ई श्रीधरन को दिल्ली मेट्रो का एमडी बना दिया गया। मीडिया ने उनके काम को देखते हुए ‘मेट्रो मैन’ की उपाधि दी। 2005 में फ्रांस सरकार ने उन्हें फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘नाइट ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया। 2001 में उन्हें पद्मश्री और 2008 में पद्मविभूषण से नवाजा गया।

अभिनेता से सीएम तक की कुर्सी तक पहुंचे एमजी रामचंद्रन का निधन

आज मरुथुर गोपालन रामचंद्रन यानी एमजी रामचंद्रन की पुण्यतिथि है। उनके चाहने वाले उन्हें एमजीआर कहते हैं। एमजीआर ने तीन दशक तक तमिल सिनेमा पर राज किया। 100 से अधिक फिल्मों में काम किया। इनमें से 28 फिल्मों में जे जयललिता उनकी हिरोइन थीं, जो बाद में उनकी सबसे करीबी सहयोगी रहीं। फिल्मी करियर में भी और राजनीतिक करियर में भी। करियर के शुरुआती दिनों में ही उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ले ली। 1953 तक कांग्रेस में रहे। बाद में करुणानिधि के कहने पर DMK ज्वाइन कर ली। बाद में करुणानिधि से मनमुटाव के चलते उन्होंने अपनी पार्टी ADMK बनाई। 30 जुलाई 1977 को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। 24 दिसंबर 1987 को अपने निधन तक वो इस पद पर रहे। ADMK को बाद में AIADMK कहा गया। मतलब ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम। 1988 में एमजीआर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

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