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History

इतिहास में आज:देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का जन्म, इसकी स्थापना अंग्रेज ने की, लेकिन पार्टी ने आजादी की लड़ाई लड़ी

By ValsadOnline

December 28, 2020

आजादी से 62 साल पहले 1885 में आज ही के दिन स्कॉटलैंड के एक रिटायर्ड अधिकारी एओ ह्यूम ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की थी। एओ ह्यूम को जीवित रहते कभी पार्टी के संस्थापक का दर्जा नहीं दिया गया था। 1912 में उनकी मौत के बाद एओ ह्यूम को कांग्रेस का संस्थापक घोषित किया गया।

पार्टी की स्थापना के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। हुआ ये था कि 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ बड़ा गदर मचा। अंग्रेज नहीं चाहते थे कि दोबारा ऐसे फिर कभी हालात बनें तो उन्होंने प्लानिंग की कि एक ऐसा प्लेटफॉर्म बना दिया जाए, जहां हिंदुस्तानी अपनी भड़ास निकाल सकें। इसके अलावा इसी मंच के तहत जो विरोध प्रदर्शन करना है, वो भी कर सकें। इस काम के लिए एओ ह्यूम को चुना गया।

जब कांग्रेस में फूट पड़ी 1905 में बंगाल का बंटवारा हुआ और इससे ही कांग्रेस को नई पहचान मिली। कांग्रेस ने बंटवारे का खुलकर विरोध किया। अंग्रेजी सामानों का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन शुरू ही किए थे और इसमें फूट पड़ गई। दो धड़े हो गए। एक नरम दल और एक गरम दल। गरम दल चाहता था कि आंदोलन बंगाल तक ही सीमित न रखा जाए, जबकि नरम दल खुलकर अंग्रेजों की बगावत करने के खिलाफ था।

फिर कांग्रेस में एंट्री हुई गांधी की 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे। उसके बाद बस कांग्रेस का मतलब गांधी ही हो गया। गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने कई आंदोलन किए। मसलन, सविनय अविज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन। ये कांग्रेस की लोकप्रियता ही थी कि उस गुलाम भारत में भी पार्टी के 1.5 करोड़ से ज्यादा सदस्य थे और 7 करोड़ से ज्यादा समर्थक।

आजादी के बाद की कांग्रेस 1885 में बनी कांग्रेस पार्टी के अब तक 88 अध्यक्ष रह चुके हैं। इनमें से 18 अध्यक्ष आजादी के बाद बने हैं। आजादी के बाद इन 73 सालों में से 38 साल नेहरू-गांधी परिवार ही पार्टी का अध्यक्ष रहा है। जबकि, 35 साल गैर नेहरू-गांधी परिवार ने कमान संभाली है।

आजादी के बाद 1951 से लेकर 1954 तक जवाहर लाल नेहरू अध्यक्ष रहे। उनके बाद 1959 में इंदिरा गांधी अध्यक्ष बनीं फिर 1978 से 1984 तक इंदिरा दोबारा अध्यक्ष रहीं। इंदिरा गांधी की मौत के बाद 1985 से 1991 तक राजीव गांधी अध्यक्ष बने। राजीव गांधी की मौत के 7 साल बाद 1998 में सोनिया गांधी अध्यक्ष बनीं, जो 2017 तक इस पर रहीं। उसके बाद राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अगस्त 2019 से सोनिया गांधी दोबारा अध्यक्ष हैं। राहुल दिसंबर 2017 से अगस्त 2019 तक अध्यक्ष रहे थे।

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