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History

इतिहास में आज:अखबार में पहली बार छपी थी क्रॉसवर्ड पजल, एक गलती की वजह से बदल गया था नाम

By ValsadOnline

December 21, 2020

क्रॉसवर्ड पजल कभी न कभी आपने भी खेला होगा। कहते हैं कि यह मेंटल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आज ही के दिन 1913 में पहली बार किसी अखबार में मॉडर्न क्रॉसवर्ड पजल को छापा गया था। अमेरिका के अखबार द न्यूयॉर्क वर्ल्ड के संडे सप्लीमेंट में इसे छापा गया। ब्रिटिश पत्रकार आर्थर वेन ने इसे बनाया था। पहले इसका नाम वर्ड क्रॉस था।

कुछ समय बाद टाइपिंग में हुई गलती की वजह से इसे वर्ड क्रॉस की जगह क्रॉसवर्ड लिख दिया गया। तब से यह पूरी दुनिया में इसी नाम से जाना जाता है। शुरुआत में पजल डायमंड शेप का होता था और इसमें ब्लैक बॉक्स नहीं होते थे। 1923 तक अमेरिका के लगभग सभी अखबारों में इस तरह की पजल को छापा जाने लगा था। हालांकि, इस तरह की पजल 1913 के पहले भी छपती थीं, लेकिन ये एलिमेंट्री पजल्स होती थीं।

1922-23 तक यह पजल ब्रिटेन तक भी पहुंच गई। ब्रिटिश पजल ने तेजी से अपना स्टाइल खुद विकसित कर लिया, यह अमेरिकी पजल के मुकाबले ज्यादा कठिन माना जाता था। कहा जाता है कि ब्रिटेन के द संडे टाइम्स में छपने वाली पजल सबसे अच्छी होती थी। धीरे-धीरे ये अलग-अलग रूपों में दुनिया के सभी देशों में छपने लगी।

पहला एग्लो-सिख वॉर: जिसके बाद अंग्रेजों ने सिखों से लाहौर संधि की

1845-46 में सिखों ने अंग्रेजों के खिलाफ फिरोजशाह, मुदकी, अलीवाल, बद्दोवाल, संभरावा में लड़ाइयां लड़ी। पहली लड़ाई 21 दिसंबर को फिरोजशाह में शुरू हुई। शुरुआत चार लड़ाइयों में कोई स्पष्ट नतीजा नहीं निकला। पांचवीं और अंतिम लड़ाई संभरावा में हुई। इसमें अंग्रेजों को जीत मिली। 20 फरवरी 1846 को खत्म हुई इस लड़ाई के बाद अंग्रेजों और सिखों के बीच लाहौर संधि हुई। इसमें अंग्रेजो ने सतलुज नदी के दक्षिणी ओर के सभी प्रदेशों को सिखों से छीन लिया। सिखों की हार का मुख्य कारण महाराजा रणजीत सिंह के कुछ सिपाहियों और मंत्रियों की गद्दारी थी। ये लोग अंग्रेजों से जा मिले थे।

भारत और दुनिया में 21 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैंः

 

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