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इतिहास में आज:उस नेता ने क्यूबा की सत्ता संभाली, जिन्हें मारने के लिए अमेरिका ने 600 से ज्यादा नाकाम कोशिशें

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1890 के दशक में स्पेन-अमेरिका के बीच हुए युद्ध के दौरान एक सैनिक क्यूबा आया। युद्ध के बाद दोबारा लौटा तो क्यूबा का ही होकर रह गया। यहीं, गन्ने की खेती करते-करते एक बड़ा जमींदार बन गया। शादी के बाद 9 बच्चे हुए। उनमें से एक का नाम था फिदेल। वही फिदेल, जिन्होंने क्यूबा के तानाशाह बतिस्ता के जुल्म के खिलाफ 26 जुलाई 1953 को भाई राउल समेत मुट्ठी भर लोगों और गिने-चुने हथियारों की मदद से बगावत कर दी। वही फिदेल जो आगे चलकर अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन बने। वही फिदेल, जिन्होंने क्यूबा पर आधी सदी तक राज किया। वही फिदेल, जिन्होंने पूंजीवादी अमेरिका की नाक के नीचे समाजवादी सत्ता स्थापित की। वही फिदेल, जिन्हें अमेरिका ने 60 साल में 600 से ज्यादा बार मारने की नाकाम कोशिश की।

उन्हीं फिदेल कास्त्रो ने आज ही के दिन 1959 में अपने गोरिल्ला सैनिकों के साथ मिलकर तानाशाह बतिस्ता की सत्ता का खात्मा कर दिया था। इसके बाद क्यूबा में एक नए युग की शुरुआत हुई। 1953 से 1959 के दौरान फिदेल जब बतिस्ता के खिलाफ लड़ रहे थे, तो अमेरिका उनकी मदद करता रहा। अमेरिकी अखबारों में उनके इंटरव्यू छपते रहे। लेकिन, जब उन्होंने सत्ता संभाली तो सोवियत संघ के साथ उनके रिश्ते बेहतर होते गए और अमेरिका से खराब। इतने खराब कि 55 साल तक कोई अमेरिकी राष्ट्रपति क्यूबा नहीं गया। 2015 में पहली बार जब बराक ओबामा क्यूबा गए, तब तक क्यूबा में फिदेल की जगह उनके भाई राउल सत्ता संभाल रहे थे। फिदेल 2006 तक क्यूबा की सत्ता के शीर्ष पर रहे। वहीं, उनके बाद उनके भाई राउल 12 साल तक क्यूबा के राष्ट्रपति रहे। राउल आज भी क्यूबा पर राज करने वाली कम्युनिस्ट पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं।

कश्मीर में युद्ध विराम की घोषणा

आज ही के दिन 1949 में कश्मीर में युद्ध विराम की घोषणा हुई। इसके बाद 14 महीने से चल रहा युद्ध खत्म हुआ। 14 अगस्त को देश के दो टुकड़े हुए। पाकिस्तान का जन्म हुआ। लेकिन, कई रियासतें ऐसी थीं जो न तो भारत के साथ गईं, ना ही पाकिस्तान के। उनमें से एक थी कश्मीर रियासत। जिसके राजा थे हरि सिंह। आजादी के महज दो महीने ही हुए थे। जब 21 अक्टूबर 1947 को कश्मीर पर पाकिस्तानी कबाइलियों ने हमला कर दिया। हमलावर कबाइलियों को पाकिस्तानी सेना का समर्थन था।

पाकिस्तान के हमले के बाद कश्मीर के राजा हरि सिंह ने भारत की मदद मांगी। भारत ने विलय की शर्त पर मदद की बात कही। हरि सिंह विलय को तैयार हो गए। विलय के बाद भारत ने कश्मीर में सेना भेजी। 14 महीने के युद्ध के बाद एक जनवरी 1949 को युद्ध विराम की घोषणा हुई।

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